बद्ध पद्मासन (Baddha Padmasana)
यह भी पद्मासन का ही एक प्रकार है। यह आसन ध्यान के लिए नहीं है किन्तु मुख्यतः स्वास्थ्य के सुधार के लिए एवं शरीर को सशक्त और सुदृढ़ बनाने के लिए है। यह आसन श्रमसाध्य है। इसलिए जिनसे यह आसन प्रारम्भ में न हो सके, वे भी निराश न हों। धैर्यपूर्वक प्रयत्न करते रहें।करने का तरीका :
पैरों को एक-दूसरे पर चढ़ाकर पद्मासन कीजिए। पेट के नीचेवाले हिस्से को आपकी एड़ियों का स्पर्श होना चाहिए। फिर दाएँ-बाएँ दोनों हाथ पीठ पीछे ले जाइए । दायें हाथ से दायें पैर का पंजा और बाएं हाथ से बाएं पैर का पंजा पकड़िए। पैरों के अंगूठे पकड़ते समय कठिनाई पड़ती हो तो आगे की ओर झुककर अँगूठे पकड़िए और अँगूठे पकड़ने के बाद फिर पहले जैसे सीधे हो जाइए। सांस धीरे-धीरे चालू रखिए । एक-दो मिनट से प्रारम्भ करके क्रमशः दस मिनट तक पहुँचा जा सकता है।
पैरों को एक-दूसरे पर चढ़ाकर पद्मासन कीजिए। पेट के नीचेवाले हिस्से को आपकी एड़ियों का स्पर्श होना चाहिए। फिर दाएँ-बाएँ दोनों हाथ पीठ पीछे ले जाइए । दायें हाथ से दायें पैर का पंजा और बाएं हाथ से बाएं पैर का पंजा पकड़िए। पैरों के अंगूठे पकड़ते समय कठिनाई पड़ती हो तो आगे की ओर झुककर अँगूठे पकड़िए और अँगूठे पकड़ने के बाद फिर पहले जैसे सीधे हो जाइए। सांस धीरे-धीरे चालू रखिए । एक-दो मिनट से प्रारम्भ करके क्रमशः दस मिनट तक पहुँचा जा सकता है।
पद्मासन | Padmasana In Hindi | Padmasana Yoga In Hindi | HindiGyanDaily
लाभ/फायदे :
(1) इस आसन में दोनों घुटनों और टखनों के जोड़ों पर वजन पड़ता है, जिससे पैरों के जोड़ मजबूत बनते हैं।
(2) इस आसन से दोनों पैरों की एड़ियों को सम्पूर्ण व्यायाम मिलता है।
(3) यह आसन लगातार करने से हृदय, फेफड़े, जठर, यकृत और मेरुदण्ड की कमजोरी धीरे-धीरे दूर होती है; साथ ही घुटनों के जोड़ों की पीड़ा दूर हो जाती है।
(4) यह आसन करने से अपच, अफरा, पेट का दर्द, अजीर्ण आदि रोग मिट जाते हैं।
(5) इस आसन के द्वारा पद्मासन के लाभ भी पर्याप्त मात्रा में प्राप्त किये जा सकते हैं।
लाभ/फायदे :
(1) इस आसन में दोनों घुटनों और टखनों के जोड़ों पर वजन पड़ता है, जिससे पैरों के जोड़ मजबूत बनते हैं।
(2) इस आसन से दोनों पैरों की एड़ियों को सम्पूर्ण व्यायाम मिलता है।
(3) यह आसन लगातार करने से हृदय, फेफड़े, जठर, यकृत और मेरुदण्ड की कमजोरी धीरे-धीरे दूर होती है; साथ ही घुटनों के जोड़ों की पीड़ा दूर हो जाती है।
(4) यह आसन करने से अपच, अफरा, पेट का दर्द, अजीर्ण आदि रोग मिट जाते हैं।
(5) इस आसन के द्वारा पद्मासन के लाभ भी पर्याप्त मात्रा में प्राप्त किये जा सकते हैं।
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